तामीर-ए -जहान -ए -ज़ुल्मत
जाने कितना मंज़िला
तसल सुल चला न ख़त्म हो
ज़ीनो का सिलसिला
पता नहीं खबर मेरे आने की
उसे हर बार ही होती है
मुझसे पहलइ हर बार पहुंचा
तेरी यादों का काफिला
जाने कितना मंज़िला
तसल सुल चला न ख़त्म हो
ज़ीनो का सिलसिला
पता नहीं खबर मेरे आने की
उसे हर बार ही होती है
मुझसे पहलइ हर बार पहुंचा
तेरी यादों का काफिला